Thursday 31 March 2016

दोस्ती

नहीं है खब़र कि मिलेगी कल
चलने को कैसी डगर
ये भी नहीं जानता कि
जिंदगी की धूप करेगी कैसा असर
मगर विश्वास की चांदनी
कहती है चमककर कि
बरसेगी छाया स्निग्ध, शीतल
आपकी दोस्ती का,
हो चाहे कठिन कितना भी सफर।



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